Tuesday, March 9, 2010

यादा औन्दियाँ ने ........

खुद को भुला दिया था यु उसके प्यार मे
कटा था हर पल उसके आने क इन्तजार में
था वो दुनिया में मुझे सबसे प्यारा
सबसे अलग सा था वो रिश्ता हमारा
थी वही दुनिया मेरी था वो मेरा नसीब
ज़िन्दगी की सबसे प्यारी ख़ुशी थी वो मेरी
लग गयी थी जैसे खुद की ही रिश्ते को नजर
कर दिया था किस्मत ने हमें एक दूजे से अलग
सोचा नई था वो प्यार दिया था उसने मुझे
रब्ब की तरह ही मैंने पूजा था उसे
लेकिन किस्मत मे न था वो प्यार मेरे
सरे सपने टूट क बिखर गये थे हाथों मे मेरे
आज करती हु बस उसका इन्तेजार
शायद मिल जाये वो और ले जाये खुद क साथ


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